Friday, December 24, 2010
Wednesday, November 24, 2010
चाह्ता हूं, मैं..
एक ऐसा गीत गाना चाह्ता हूं, मैं..
खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाह्ता हूं, मैं..
दोस्तॊं से दोस्ती तो हर कोई निभाता है..
दुश्मनों को भी अपना दोस्त बनाना चाहता हूं, मैं..
जो हम उडे ऊचाई पे अकेले, तो क्या नया किया..
साथ मे हर किसी के पंख फ़ैलाना चाह्ता हूं, मैं..
वोह सोचते हैं कि मैं अकेला हूं उन्के बिना..
तन्हाई साथ है मेरे, इतना बताना चाह्ता हूं..
ए खुदा, तमन्ना बस इतनी सी है.. कबूल करना..
मुस्कुराते हुए ही तेरे पास आना चाह्ता हूं, मैं..
बस खुशी हो हर पल, और मेहकें येह गुल्शन सारा “अभी”..
हर किसी के गम को, अपना बनाना चाह्ता हूं, मैं..
एक ऐसा गीत गाना चाह्ता हूं, मैं..
खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाह्ता हूं, मैं..
Tuesday, November 23, 2010
कुछ बातें मेरे बचपन की..
कुछ बातें मेरे बचपन की..
कुछ यादें मेरे बचपन की..
वो बचपन था बस गुज़र गया..
कुछ खुशियां थीं.. कुछ गम भी थे..
चंद लम्हे थे जो बीत गये..
कुछ लोग भी हम से बिछड गये..
अब लौट के फ़िर ना आयेंगे..
चंद लम्हे थे जो बीत गये..
कुछ बातें मेरे बचपन की..
कुछ यादें मेरे बचपन की..
क्या लिखूँ..??
कुछ जीत लिखूँ या हार लिखूँ..
या दिल का सारा प्यार लिखूँ..
या दिल का सारा प्यार लिखूँ..
कुछ अपनो के ज़ाज़बात लिखूँ या सापनो की सौगात लिखूँ..
मै खिलता सुरज आज लिखूँ या चेहरा चाँद गुलाब लिखूँ..
मै खिलता सुरज आज लिखूँ या चेहरा चाँद गुलाब लिखूँ..
वो डूबते सुरज को देखूँ या उगते फूल की सांस लिखूँ..
वो पल मे बीते साल लिखूँ या सादियो लम्बी रात लिखूँ..
वो पल मे बीते साल लिखूँ या सादियो लम्बी रात लिखूँ..
सागर सा गहरा हो जाऊं या अम्बर का विस्तार लिखूँ..
मै तुमको अपने पास लिखूँ या दूरी का ऐहसास लिखूँ..
मै तुमको अपने पास लिखूँ या दूरी का ऐहसास लिखूँ..
वो पहली -पहली प्यास लिखूँ या निश्छल पहला प्यार लिखूँ..
सावन की बारिश मेँ भीगूँ या मैं आंखों की बरसात लिखूँ..
कुछ जीत लिखूँ या हार लिखूँ..सावन की बारिश मेँ भीगूँ या मैं आंखों की बरसात लिखूँ..
या दिल का सारा प्यार लिखूँ..
Monday, November 22, 2010
Saturday, November 20, 2010
Friday, November 19, 2010
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